Kamleshwar Dodiyar : इस कहानी की शुरुआत होती है, रतलाम जिले के सैलाना विधानसभा क्षेत्र के भंवरकुआ गांव में ओंकारलाल डोडियार व सीताबाई के यहां आदिवासी तबके में जन्मे पुत्र कमलेश्वर डोडियार की, जो भवंरकुआ गांव के सबसे गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद , इनकी स्थिति इतनी गंभीर थी की इनको दो टाइम का खाना भी नसीब नहीं होता था , उनके माता पिता अलग अलग राज्य में पलायन करके मजदूरी करके कुछ खाने पिने की व्यवस्था करते थे। जो आज अथक मेहनत, मजदूरी करके , लोगो से पैसे भिक्षुक के रूप में मांग मांग कर भूखे मर के दो दिन में एक टाइम भोजन करके अपने प्रचार प्रसार को निरंतर रखकर आज विधायक की कमान संभाल रहे हैं ,
आज के लेख में जानेंगे इतने गरीब घर में जन्म लेने के बाद , खाने की भी ढंग से व्यवस्था ना होने के बाद भी कैसे अपनी परिस्थिति से ना हारकर अपनी परिस्थिति को हराकर विधायक बनने तक का सफर और जानेंगे उनके माता पिता के बारे में एवं उनकी शिक्षा व परिवार के बारे में एवं अन्य जानकारी के बारे में तो बने रहे इस पुरे लेख में, जो आपको पुरे तरीके से अंदर तक झंझोर कर रख देगा , व आपको अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए बहुत मोटीवेट करेगा ।
जीवन परिचय
पूरा नाम कमलेश्वर डोडियार
उपनाम मालिक का बंदा
पेशा राजनीती
शारीरिक संरचना
वजन ज्ञात नहीं
लम्बाई ज्ञात नहीं
आँखों का रंग काला
बालो का रंग काला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि 1990
आयु (2023) 33 वर्ष
जन्मस्थान राधाकुआ गांव, रतलाम, मध्यप्रदेश, भारत
नागरिकता भारतीय
ग्रहनगर राधाकुंआ गांव
धर्म हिन्दू
जाति भील ( अनुसूचित जनजाति)
विद्यालय/स्कूल प्राइमरी स्कूलिंग राधाकुआं गांव से
महाविद्यालय रतलाम के सरकारी महाविद्यालय ( स्नातक)
एलएलबी दिल्ली यूनिवर्सिटी
शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन और लॉ
प्रेम प्रसंग एवं अन्य जानकारी
वैवाहिक स्थिति विवाहित
विवाह दिनाक जून 2023
पत्नी अंजलि
परिवार
पिता ओंकारलाल डोडियार
माता सीताबाई डोडियार
भाई 6
बहन 3
कमलेश्वर डोडियार की फॅमिली
कमलेश्वर डोडियार का जन्म बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था उनके माता पिता मेहनत मजदूरी करके दो वक्त के खाने की व्यवस्था करते हैं , कमलेश्वर के 6 भाई व 3 बहने है जो सभी मजदूरी करके अपना अपना पालन पोषण करते हैं , सभी लगभग मजदूरी करके ही अपना भरण पोषण करते हैं।
कमलेश्वर डोडियार के घर में नहीं हैं, बिजली पानी
कमलेश्वर डोडियार के परिवार वाले आज भी कठोर संघर्ष करके अपना जीवन को जैसे तैसे जीवन जीने को मजबूर हैं , कमलेश्वर के घर पर न तो बिजली की व्यवस्था हैं और ना ही पानी की, पानी के लिए भी कठोर मेहनत करके अपने घर पर लाते हैं वह अपना जीवन जैसे तैसे चला रहे हैं।
कमलेश्वर डोडियार की शिक्षा
कमलेश्वर डोडियार की स्कूलिंग राधकुँआ गांव से ही हुई हैं , जिसके बाद रतलाम के सरकारी कॉलेज से उन्होंने अपना ग्रेजुएशन कम्पलीट किया . कमलेश्वर इंटरव्यू में बताते हैं की जब उनका 12 वी का रिजल्ट आया था तब वह मजदूरी पर ही थे . कमलेश्वर पढ़ने के साथ साथ मजदूरी भी करते थे जिससे की उनका खर्चा चल जाये , कमलेश्वर ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी ( वकालत) की पढाई की हैं व कॉलेज के साथ दिल्ली में टिफिन सेंटर में टिफिन बाटने का काम भी करते थे, जिससे की उनकी पढाई ढंग से हो सके।
कमलेश्वर डोडियार का राजनीतिक करियर
कमलेश्वर बताते हैं की उनको राजनीती में इंटेरेस्ट 2009 में आया था की जब बराक ओबामा राष्ट्पति बने थे तब , कमलेश्वर ने उनके बारे में अख़बार में पढ़ा था, जिसके बाद उन्होंने भी राजनीती में अपना हाथ आजमाने की कोशिश की, 2010 में उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव अपने घर में रखा परन्तु उनके माता पिता व उनके भाई ने सरपंच का नामांकन भराने से इंकार कर दिया व अपनी पढाई कम्पलीट करके नौकरी करने को बोला गया परन्तु घर के डर से सरपंच का फॉर्म नहीं भर पाए , जिसके बाद उन्होंने लोगो से सम्पर्क बनाना जारी रखा। जिसके बाद उन्होंने 2018 में निर्दलीय से विधायक की ताल ठोक थी, उसमे सफल तो नहीं हो पाए परन्तु उस चुनाव में 18,800 वोट आये निर्दलीय में उसमे उनको लगा की अगर अच्छी मेहनत की जाये तो वो विजयी हो सकते हैं, जिसके बाद उन्होंने 2019 मैं निर्दलीय से सांसद का चुनाव लड़ा , जिसमे भी विजयी तो नहीं हो पाए परन्तु उनका वोट बैंक बड़ा जिससे और ज्यादा मोटीवेट हुए और 2023 के विधानसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा जिसमे 71,219 वोट प्राप्त हुए और 4,618 वोट से विजयी हुए।
नामांकन फॉर्म जमा करने के भी नहीं थे पैसे
कमलेश्वर बताते हैं की नामांकन में जमा होने वाले राशि भी उनके मित्रो ने चंदा के रूप में एकत्रित कर उनका नामांकन फॉर्म जमा करवाया, और सभी मित्रो से साथ सपोर्ट व सभी की मेहनत से आज परिणाम आपके सामने हैं।
नोतरा कार्यक्रम से चुनाव लड़ने के पैसे जुटाए
आदिवासी परम्परा में नोतरा काफी प्रचलित हैं , नोतरा में किसी व्यक्ति को शादी या किसी की मृत्यु उपरांत उनके कार्यक्रम के लिए पैसे की जरूरतों को पूरा करने के लिए नोतरा का आयोजन किया जाता हैं जिसमे सभी लोग एकत्रित होकर अपनी अपनी हैसियत के अनुसार उस व्यक्ति को पैसे की मदद करते है , व्यक्ति के पास पैसा आ जाने के बाद व उनको बिना ब्याज का पैसा लोटा देता हैं । इस नोतरा का सही मायने में अगर उपयोग किया हैं तो वह कमलेश्वर ने किया हैं , कमलेश्वर ने गांव गांव जाकर नोतरा कार्यक्रम के दौरान पैसा एकत्रित करना चालू किया जिससे लोगो ने उत्साहित होकर उसमे भाग लिया व सभी ने सहयोग किया।
चुनाव जितने के बाद आदिवासी तबके में एक नया उत्साह
कमलेश्वर के चुनाव जितने के बाद आदिवासी तबके में एक ख़ुशी का माहौल हैं, जिसमे लोगो को कमलेश्वर के प्रति विश्वास हैं की वो उनकी बेहतर जिंदगी को बनाने में हर संभव प्रयास करेगा व शासन की योजना को घर घर तक पहुंचाने का कार्य करेगा व उनकी शिक्षा स्वास्थ पर भी कार्य करेगा और उनके तबके के लोगो को नौकरी दिलाने का कार्य करेगा।
कमलेश्वर डोडियार के बारे में कुछ रोचक तथ्य
• कमलेश्वर डोडियार को राजनीती में आने की प्रेरणा बराक ओबामा से मिली।
• कमलेश्वर डोडियार ने हॉस्टल में रहकर लोगो की समस्या को जानने की कोशिश की।
• कमलेश्वर डोडियार ने विधानसभा का चुनाव का प्रचार प्रसार मात्र 12 लाख रूपये में पूरा कर दिया।
• कमलेश्वर डोडियार नामांकन फॉर्म भरने के 8 दिन पहले जेल में थे ।
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कमलेश्वर डोडियार से एक सीख
साथियों कमलेश्वर डोडियार से हमे बहुत कुछ सिखने को मिला , आज के स्थिति से देखा जाये तो कमलेश्वर डोडियार से कई अच्छी अपनी स्थति है परन्तु हम आज के इस दौर मैं हम छोटी सी चुनौती को बहुत बड़ी मान कर हार कर थक कर बैठ जाते हैं , कमलेश्वर ने सभी चीजों को नजर अंदाज करके आज एक अलग मुकाम हासिल किया है जो सभी के लिए प्रेणा का स्त्रोत हैं । साथियो आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताइये ।
FAQ
Q: कमलेश्वर डोडियार कौन हैं?
Ans : कमलेश्वर डोडियार सैलाना विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं
Q : कमलेश्वर डोडियार ने चुनाव के लिए पैसे कैसे एकत्रित किया ?
Ans. नोतरा कार्यक्रम से
Q: कमलेश्वर डोडियार के गांव का नाम क्या हैं ?
Ans. राधाकुंआ
दोस्तों आपको पूरा लेख पढ़ने के लिए दिल से धन्यवाद। उम्मीद करता हु की आप भी एक दिन ऐसा इतिहास रचेंगे . …Good Luck
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